कक्षा 8 संस्कृत – पाठ 4: सदैव पुरतो निधेहि चरणम् | प्रश्न उत्तर, व्याकरण और FAQs
‘सदैव पुरतो निधेहि चरणम्’ एक प्रेरणादायक गीत है जो आत्मबल, राष्ट्रप्रेम और लक्ष्य के प्रति समर्पण की भावना को जाग्रत करता है। कवि श्रीधर भास्कर वर्णेकर इस गीत के माध्यम से हमें सिखाते हैं कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें अपने पथ पर अडिग रहना चाहिए।
सभी 7 प्रश्नों के क्रमवार उत्तर
प्रश्न 1: पाठ रचं गीत स्वयं गायता।
उत्तर: यह गीत विद्यार्थियों को आत्मबल और राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत करता है। इसे स्वयं गाकर उसका भाव समझना चाहिए।
प्रश्न 2: अधोलिखितानां प्रश्नानां उत्तराणि एकवाक्ये लिखत—
(क) स्वकीयं सत्त्वं किं भवति?
👉 स्वकीयं सत्त्वं बलं भवति।
(ख) पथि कें विषमः प्रहणः?
👉 पथि पाषाणः विषमः प्रहणः।
(ग) सत्त्वं किं करणीयम्?
👉 सततं ध्येयस्मरणं करणीयम्।
(घ) पाथस्य सत्त्वं स्वकीयम् कः?
👉 पाथस्य सत्त्वं स्वकीयम् बलम्।
(ङ) स कोऽशिष्यः कविः प्रहणः?
👉 सः राष्ट्रवादी कविः प्रहणः।
प्रश्न 3: लोट् लकार के क्रियापदों से रिक्त स्थान पूर्ति करें
वाक्य | उत्तर |
---|---|
(क) त्वं विद्यालयं …………। | चल |
(ख) राष्ट्रं अनुयान्ति …………। | विधेहि |
(ग) महत्त्वं जलं …………। | देहि |
(घ) मूढाः ………… धर्मानुष्ठानानि। | जहीहि |
(ङ) ………… गोविन्दम्। | भज |
(च) सततं ध्येयमधिगच्छ …………। | कुरु |
प्रश्न 4 (अ): ‘आम्’ और ‘न्’ लिखिए
वाक्य | उत्तर |
---|---|
(क) निःशङ्कं गिरीशः अस्ति। | आम् |
(ख) स्वकीयं वयं बालेन भवति। | न् |
(ग) पथि स्थितः पशुः न शान्ति। | न् |
(घ) गगनं सुकुमारं अस्ति। | आम् |
(ङ) वयं सर्वे एव चलामि। | न् |
प्रश्न 4 (आ): यथायोग्य शब्दों का मिलान करें
शब्द | मिलान |
---|---|
परितः | पुरतः |
नतः | नतः |
आवाहनम् | अथवाहनम् |
विपथाः | समाः |
Sanskrit Class 8 Chapter 2 Question Answer
प्रश्न 5: अव्यय पदों से रिक्त स्थान पूर्ति करें
वाक्य | उत्तर |
---|---|
विद्यालयस्य ………… एकम् उदाहरणम् अस्ति। | पुरतः |
सत्यं ………… जयते। | एव |
किं भगवान् मन्दिरं कृतवान् …………? | खलु |
सः यथा चिन्तयति ………… भवति। | तथा |
ग्रामे ………… वृक्षाः सन्ति। | परितः |
रामः ………… सीतया। | बिना |
………… प्रातःकाले उठति। | सदा |
………… सन्तानं भज। | सदा |
प्रश्न 6: विलोम शब्दों का मिलान करें
शब्द | विलोम |
---|---|
पूरः | पृष्ठतः |
स्वकीयं | परकीयं |
भीति: | साहसः |
अर्जुनः | चिरम् |
गमम् | आगमनम् |
प्रश्न 7 (अ): लट्–लोट्–विधिलिङ् रूप निर्माण
क्रिया | लट् लकार | लोट् लकार | विधिलिङ् लकार |
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खेलति | खेलति | खेलतु | खेलेत् |
खादति | खादति | खादतु | खादेत् |
पिबामि | पिबामि | पिबानि | पिबेयम् |
हसति | हसति | हसतु | हसेत् |
नमामि | नमामि | नमानि | नमेयम् |
class 8 sanskrit chapter 3 question answer
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. ‘सदैव पुरतो निधेहि चरणम्’ का मुख्य संदेश क्या है?
👉 जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहो और लक्ष्य पर केंद्रित रहो।
Q2. इस पाठ के रचयिता कौन हैं?
👉 श्रीधर भास्कर वर्णेकर।
Q3. ‘निधेहि’ शब्द का अर्थ क्या है?
👉 रखो या स्थापित करो।
Q4. यह पाठ किस प्रकार की भावना को दर्शाता है?
👉 राष्ट्रवाद, आत्मबल और सकारात्मक सोच।
Q5. परीक्षा में इस पाठ से किस प्रकार के प्रश्न आते हैं?
👉 एकपद उत्तर, रिक्त स्थान पूर्ति, विलोम शब्द, अव्यय पद, व्याकरण आधारित प्रश्न।
निष्कर्ष
‘सदैव पुरतो निधेहि चरणम्’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शन है। यह पाठ विद्यार्थियों को आत्मबल, अनुशासन और राष्ट्रप्रेम की ओर प्रेरित करता है। EaseEdu पर हम ऐसे ही सरल, स्पष्ट और परीक्षा-केंद्रित नोट्स प्रदान करते हैं ताकि हर छात्र आत्मविश्वास से आगे बढ़ सके।