Class 8th Sanskrit Chapter 3 Hindi Translation

Class 8th Sanskrit Chapter 3 Hindi Translation

कक्षा 8 संस्कृत – पाठ 3: डिजीभारतम्‌

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🧭 हिंदी परिचय

आज का युग तकनीक और डिजिटल क्रांति का युग है। भारत सरकार द्वारा चलाया गया डिजिटल इंडिया अभियान देश को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। कक्षा 8 का संस्कृत पाठ “डिजीभारतम्‌” इसी विषय पर आधारित है। यह पाठ छात्रों को यह समझाने का प्रयास करता है कि कैसे भारत डिजिटल साधनों के माध्यम से तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। EaseEdu इस पाठ को हिंदी अनुवाद, शब्दार्थ और परीक्षा उपयोगी जानकारी के साथ सरल रूप में प्रस्तुत करता है।

संस्कृत पाठ और हिंदी अनुवाद : class 8th sanskrit chapter 3 hindi translation

1. अद्य सम्पूर्णविश्वे “डिजिटलइण्डिया” इत्यस्य चर्चा श्रूयते।

👉 आज पूरे विश्व में “डिजिटल इंडिया” की चर्चा सुनाई देती है।

2. अस्य पदस्य क: भाव: इति मनसि जिज्ञासा उत्पद्यते।

👉 इस शब्द का क्या अर्थ है – यह जानने की जिज्ञासा मन में उत्पन्न होती है।

3. कालपरिवर्तनेन सह मानवस्य आवश्यकताऽपि परिवर्तते।

👉 समय के परिवर्तन के साथ मनुष्य की आवश्यकताएँ भी बदलती हैं।

4. अनन्तरं तालपत्रोपरि भोजपत्रोपरि च लेखनकार्यम्‌ आरब्धम्‌।

👉 पहले तालपत्र और भोजपत्र पर लेखन कार्य आरंभ हुआ।

5. परवर्तिनि काले कर्गदस्य लेखन्या: च आविष्कारेण सर्वेषामेव मनोगतानां भावानां कर्गदोपरि लेखनं प्रारब्धम्‌।

👉 बाद में कागज और लेखनी के आविष्कार से सभी के मन के भावों को कागज पर लिखना शुरू हुआ।

6. टङ्कणयन्त्रस्य आविष्कारेण तु लिखिता सामग्री टङ्किता सती बहुकालाय सुरक्षिता अतिष्ठत्‌।

👉 टाइपराइटर के आविष्कार से लिखी गई सामग्री टाइप होकर लंबे समय तक सुरक्षित रहती थी।

7. अद्य सर्वाणि कार्याणि सङ्गणकनामकेन यन्त्रेण साधितानि भवन्ति।

👉 आज सभी कार्य कंप्यूटर नामक यंत्र से किए जाते हैं।

8. समाचार-पत्राणि, पुस्तकानि च कम्प्यूटरमाध्यमेन पठ्यन्ते लिख्यन्ते च।

👉 समाचार पत्र और पुस्तकें भी कंप्यूटर के माध्यम से पढ़ी और लिखी जाती हैं।

9. कर्गदोद्योगे वृक्षाणाम्‌ उपयोगेन वृक्षा: कर्त्यन्ते स्म, परम्‌ सङ्गणकस्य अधिकाधिक-प्रयोगेण वृक्षाणां कर्तने न्यूनता भविष्यति इति विश्वास:।

👉 कागज उद्योग में वृक्षों के उपयोग से वृक्ष काटे जाते थे, लेकिन कंप्यूटर के अधिक प्रयोग से वृक्षों की कटाई में कमी आएगी – ऐसा विश्वास है।

10. अनेन पर्यावरणसुरक्षाया: दिशि महान्‌ उपकारो भविष्यति।

👉 इससे पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में बड़ा लाभ होगा।

11. अधुना आपणे वस्तुक्रयार्थम्‌ रूप्यकाणाम्‌ अनिवार्यता नास्ति।

👉 अब बाजार में वस्तु खरीदने के लिए नकद रूपये की अनिवार्यता नहीं रही।

12. “डेबिट कार्ड”, “क्रेडिट कार्ड” इत्यादय: सर्वत्र रूप्यकाणां स्थानं गृहीतवन्त:।

👉 डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि ने हर जगह नकद का स्थान ले लिया है।

13. वित्तकोशस्य (बैंकस्य) चापि सर्वाणि कार्याणि सङ्गणकयन्त्रेण सम्पाद्यन्ते।

👉 बैंक के सभी कार्य भी कंप्यूटर से संपन्न होते हैं।

14. बहुविधा: अनुप्रयोगा: मुद्राहीनाय विनिमयाय सहायका: सन्ति।

👉 अनेक प्रकार के एप्लिकेशन नकद रहित लेन-देन में सहायक हैं।

15. कुत्रापि यात्रा करणीया भवेत्‌ रेलयानयात्रापत्रस्य, वायुयानयात्रापत्रस्य अनिवार्यता अद्य नास्ति।

👉 कहीं यात्रा करनी हो – रेल या विमान यात्रा के लिए टिकट की अनिवार्यता अब नहीं रही।

16. सर्वाणि पत्राणि अस्माकं चलदूरभाषयन्त्रे ‘ई-मेल’ इति स्थाने सुरक्षितानि भवन्ति यानि सन्दर्श्य वयं सौकर्येण यात्राया: आनन्दं गृह्णीम:।

👉 सभी टिकट हमारे मोबाइल फोन में ‘ई-मेल’ के रूप में सुरक्षित होते हैं, जिन्हें दिखाकर हम आसानी से यात्रा का आनंद लेते हैं।

17. चिकित्सालयेऽपि उपचारार्थं रूप्यकाणाम्‌ आवश्यकताद्य नानुभूयते।

👉 अस्पताल में भी इलाज के लिए नकद रूपये की आवश्यकता अब महसूस नहीं होती।

18. सर्वत्र कार्डमाध्यमेन, ई-बैंकमाध्यमेन शुल्कं प्रदातुं शक्यते।

👉 हर जगह कार्ड या ई-बैंकिंग के माध्यम से शुल्क देना संभव है।

19. तद्‌दिनं नातिदूरम्‌ यदा वयम्‌ हस्ते एकमात्रं चलदूरभाषयन्त्रमादाय सर्वाणि कार्याणि साधयितुं समर्था: भविष्याम:।

👉 वह दिन दूर नहीं जब हम केवल हाथ में मोबाइल लेकर सभी कार्य करने में सक्षम होंगे।

20. वस्त्रपुटके रूप्यकाणाम्‌ आवश्यकता न भविष्यति।

👉 जेब में नकद रूपये की आवश्यकता नहीं रहेगी।

21. पास्‌बुक’ चैक्‌बुक’ इत्यनयो: आवश्यकता न भविष्यति।

👉 पासबुक और चेकबुक की भी आवश्यकता नहीं रहेगी।

22. पठनार्थं पुस्तकानां समाचारपत्राणाम्‌ अनिवार्यता समाप्तप्राया भविष्यति।

👉 पढ़ने के लिए पुस्तकों और समाचार पत्रों की अनिवार्यता लगभग समाप्त हो जाएगी।

23. लेखनार्थम्‌ अभ्यासपुस्तिकाया: कर्गदस्य वा, नूतनज्ञानान्वेषणार्थं शब्दकोशस्याऽपि आवश्यकता न भविष्यति।

👉 लिखने के लिए अभ्यास पुस्तिका या कागज की, और नए ज्ञान की खोज के लिए शब्दकोश की भी आवश्यकता नहीं रहेगी।

24. अपरिचित-मार्गस्य ज्ञानार्थं मार्गदर्शकस्य मानचित्रस्य आवश्यकताया: अनुभूति: अपि न भविष्यति।

👉 अपरिचित मार्ग की जानकारी के लिए मार्गदर्शक या नक्शे की आवश्यकता भी महसूस नहीं होगी।

25. एतत्‌ सर्वं एकेनेव यन्त्रेण कर्तुं, शक्यते।

👉 यह सब एक ही यंत्र से करना संभव होगा।

26. शाकादिक्रयार्थम्‌, फलक्रयार्थम्‌, विश्रामगृहेषु कक्षं सुनिश्चितं कर्तुं, चिकित्सालये शुल्कं प्रदातुम्‌, विद्यालये महाविद्यालये चापि शुल्कं प्रदातुम्‌, किं बहुना दानमपि दातुं चलदूरभाषयन्त्रमेव अलम्‌।

👉 सब्जी खरीदने, फल खरीदने, होटल में कमरा बुक करने, अस्पताल में शुल्क देने, स्कूल और कॉलेज में फीस जमा करने – यहाँ तक कि दान देने के लिए भी केवल मोबाइल ही पर्याप्त होगा।

27. डिजीभारतम्‌ इति अस्यां दिशि वयं भारतीया: द्रुतगत्या अग्रेसराम:।

👉 “डिजीभारत” की दिशा में हम भारतीय तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

शब्दार्थ तालिका (Extra Words)

संस्कृत शब्द हिंदी अर्थ
सङ्गणक कंप्यूटर
मुद्राहीन नकद रहित
चलदूरभाषयन्त्र मोबाइल फोन
मार्गदर्शक दिशा बताने वाला
कर्गद कागज
लेखन्या लेखनी
उपचारार्थम्‌ इलाज के लिए
शुल्कं शुल्क / फीस
द्रुतगत्या तेज़ गति से
अग्रेसराम: आगे

Class 8th Sanskrit Chapter 2 Hindi Translation

महत्वपूर्ण FAQs – डिजीभारतम्‌

Q1. “डिजीभारतम्‌” पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है?

👉 डिजिटल भारत अभियान की उपयोगिता और प्रभाव को संस्कृत में समझाना।

Q2. पाठ में किस तकनीक को सबसे अधिक महत्व दिया गया है?

👉 कंप्यूटर और मोबाइल तकनीक को।

Q3. डिजिटल इंडिया से पर्यावरण को क्या लाभ है?

👉 कागज की आवश्यकता कम होने से वृक्षों की कटाई में कमी आएगी।

Q4. क्या यह पाठ परीक्षा में महत्वपूर्ण है?

👉 हाँ, इसमें से अनुवाद, शब्दार्थ, और भावार्थ आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।

Q5. EaseEdu इस पाठ को कैसे सरल बनाता है?

👉 हिंदी अनुवाद, शब्दार्थ तालिका, और अभ्यास प्रश्नों के माध्यम से।