Class 8th Sanskrit Chapter 1 Hindi Translation

कक्षा 8 संस्कृत – अध्याय 1: संगच्छध्वं संवदध्वम् | हिंदी अनुवाद

पाठ परिचय:

यह पाठ ऋग्वेद के “संज्ञान सूक्त” से लिया गया है, जिसे “संघटन सूक्त” भी कहा जाता है। इसमें समाज में एकता, सहयोग और सामूहिक चेतना की प्रेरणा दी गई है।

Class 8th Sanskrit Chapter 1 Hindi Translation

मूल मंत्र और हिंदी अनुवाद

मंत्र 1:

संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्। देवा भागं यथा पूर्वे संजानाना उपासते॥

हिंदी अनुवाद: आप सब मिलकर चलें, मिलकर बोलें, और आपके मन एक समान हों। जैसे देवता पहले एक साथ मिलकर यज्ञ में भाग लेते थे और एकता से पूजा करते थे।

मंत्र 2:

समानो मन्त्रः समितिः समानी समानं मनः। समानं मन्त्रमभिमन्त्रये वः समानेन वो हविषा जुहोमि॥

हिंदी अनुवाद: आप सबका मंत्र समान हो, सभा समान हो, और मन भी समान हो। मैं आप सबके लिए एक ही मंत्र का उच्चारण करता हूँ और एक ही भावना से आहुति अर्पित करता हूँ।

मंत्र 3:

समानी व आकूतिः समाना हृदयानि वः। समानमस्तु वो मनो यथा वः सुसहासति॥

हिंदी अनुवाद: आप सबकी इच्छाएँ समान हों, आपके हृदय एक जैसे हों। आपका मन भी एक जैसा हो, जैसे आप सब मिलकर एक साथ कार्य करते हैं।

📚 शब्दार्थ तालिका

संस्कृत शब्द हिंदी अर्थ
संगच्छध्वम् मिलकर चलो
संवदध्वम् मिलकर बोलो
मनांसि मन
भागं हिस्सा
समितिः सभा
मन्त्रम् विचार
हविषा आहुति
आकूतिः भावना
हृदयानि हृदय
सुसहासति सहमति से

अन्वय और भावार्थ

अन्वय: संगच्छध्वम् = सह गच्छत संवदध्वम् = सह वदत समानी = समान हविषा = प्रार्थनया जुहोमि = अर्पयामि

भावार्थ: यह सूक्त हमें एकता, सहयोग और सामूहिक चेतना का संदेश देता है। समाज में सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए, एक समान विचार रखना चाहिए और परस्पर सहयोग से ही सफलता प्राप्त होती है।

अभ्यास प्रश्नों के उत्तर

1. सर्वेषां मनः कीदृशं भवेत्?

उत्तर: सामञ्जस्ययुक्तं और सौहार्दपूर्णं।

2. “संगच्छध्वं संवदध्वम्” इत्यस्य कः अभिप्रायः?

उत्तर: सभी लोग एकता से चलें और विचार साझा करें।

3. सर्वे किं परित्यज्य ऐक्यभावेन जीवेयुः?

उत्तर: वैमनस्यं परित्यज्य।

4. अस्मिन् पाठे का प्रेरणा अस्ति?

उत्तर: समाज में एकता और सहयोग की प्रेरणा।

व्याकरणिक अभ्यास – लट् से लोट् लकार

लट् लकार वाक्य लोट् लकार रूप
बालकाः हसन्ति बालकाः हसन्तु
युवां तत्र गच्छथः युवां तत्र गच्छताम्
यूयं धावथ यूयं धावत
आवां लिखावः आवां लिखाव
वयं पठामः वयं पठाम

पाठे प्रयुक्त शब्दों का भावानुसार मेल

संस्कृत शब्द भावानुसार मेल
संगच्छध्वम् एक साथ चलना
संवदध्वम् एक साथ बोलना
मनांसि मन
समितिः सभा
मन्त्रम् विचार
हविषा यज्ञ की आहुति
आकूतिः संकल्प
हृदयानि हृदय
सुसहासति सहमति

अतिरिक्त प्रश्न अभ्यास

प्रश्न: संगच्छध्वं संवदध्वम् पाठ का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर: समाज में एकता, सहयोग और सामूहिक चेतना को बढ़ावा देना।

प्रश्न: वेदों में कितने प्रकार के उपवेद होते हैं?

उत्तर: चार – आयुर्वेद, धनुर्वेद, गान्धर्ववेद, अर्थवेद।

प्रश्न: वेदांगों के नाम बताइए।

उत्तर: शिक्षा, व्याकरण, छन्द, निरुक्त, ज्योतिष, कल्प।

FAQs – छात्रों के लिए

Q1. यह पाठ किस वेद से लिया गया है?

ऋग्वेद से।

Q2. ‘हविषा जुहोमि’ का अर्थ क्या है?

मैं आहुति अर्पित करता हूँ।

Q3. ‘समानी आकूतिः’ का भावार्थ क्या है?

सबकी इच्छाएँ समान हों।

Q4. यह पाठ परीक्षा में क्यों महत्वपूर्ण है?

इसमें वैदिक संस्कृति, व्याकरण और सामाजिक संदेश तीनों का समावेश है।